बहुत कम लोग
जानते हैं कि हमारी बहुत-सी धार्मिक किताबें, शास्त्र और इतिहास के साथ अंग्रेजों ने बहुत छेड़खानी की है |
आपको सुन कर हैरानी होगी कि भारत में मनुसमृति
की एक मूल प्रति है जो हज़ारों वर्षो से चली आई है और एक मनुस्मृति अंग्रेज़ो ने
लिखवाई है | और अंग्रेज़ो ने
इसको लिखवाने में मैक्स मुलर की मदद ली थी | मैक्स मुलर एक जर्मन विद्वान था जिसको संस्कृत बहुत अच्छे
से आती थी | उसको कहा गया की
तुम भारत के शास्त्रों को पढ़ो और पढ़ कर हमको बताओ की उनमे क्या है फिर जरूरत पड़ने
पर इसमे फेरबदल करेंगे |
तब मैक्स मुलर ने
मनुस्मृति का अनुवाद किया,पहले जर्मन में
किया फिर अँग्रेजी में किया | तब अंग्रेज़ो को
समझ में आया कि मनुस्मृति तो भारत की न्यायव्यवस्था की सबसे बड़ी पुस्तक है और भारत
की न्याय व्यवस्था का आधार है | तो उन्होने
मनुसमृति में ऐसे विक्षेप डलवा दिये ताकि भारतवासियों को भरमाया जा सके और उनको
गलत रास्ते पर चलाया जा सके | उनमे मनुस्मृति
के प्रति बहुत ज्यादा नीचता की भावना पैदा हो इस तरह के विक्षेप डलवा दिये |
ये विक्षेप केवल
मनु स्मृति मे ही नहीं डाले गए बल्कि बहुत सारे अन्य ग्रंथों मे भी डाले गए |
अंग्रेज़ो की बहुत बड़ी टीम थी जो इस कार्य मे
लगी हुई थी, किसी साधारण
अंग्रेज़ ने ये काम नहीं किया था | विलियम हंटर नाम
का एक अंग्रेज़ हुआ करता था जिसने सबसे ज्यादा भारत के इतिहास मे विकृति डाली ,
सबसे ज्यादा भारत के शास्त्रो के विकृत किया |
जिसने सबसे ज्यादा भारत के पुराने ऋषि ,मुनियो के आत्म वचनो को बिलकुल उल्टा करके
बताया |
और ये सब वो कैसे
कर पाया ? वो ये कि विलियम हंटर
अंग्रेजी बहुत अच्छी जानता था और उसके साथ-साथ उसको संस्कृत भी आती थी | क्योंकि भारतीय मूल ग्रंथ संस्कृत में हैं तो
वो उनको पढ़ लेता था और फिर अंग्रेजी मे कहाँ-कहाँ उसको विकृत कर बनाना है वो कर
लेता था | विलियम हंटर की पूरी टीम
थी जो इस कार्य मे लगी थी जिसको कहा गया विलियम हंटर कमीशन |
विलियम हंटर
कमीशन की रिपोर्ट के बारे मे बात की जाए तो घंटो-घंटो उसी मे निकल जाए | हजारो पन्नों में उन्होने ने रिपोर्ट बनाकर
उन्होने ये बताया है कि हमने भारत के किस-किस विषय में किस-किस शास्त्र में
क्या-क्या परिवर्तन कर दिये हैं | ये उसने अँग्रेजी
संसद को भेंट किया था और फिर उस पर बहस हुई थी | तो अंग्रेज़ो ने अपने देश में ऐसे बहुत सारे विद्वानों को
तैयार करके भारत के शास्त्रो मे विक्षेपन करवाया , बहुत कुछ ऐसी बातें भर दी उसमे जो कि विश्वास करने लायक
नहीं हैं , तर्क पर कहीं ठहरती नहीं
हैं और सूचना के आधार पर बिल्कुल गलत हैं |
आर्य बाहर से आए,
उन्होने भारतीय संस्कृति को खत्म कर दिया हमारे
पूर्वज गौ मांस खाते थे | न जाने ऐसी
हज़ारों-हजारों बातें और संस्कृत के शब्दों का गलत अर्थ निकाल कर हमारे शास्त्रो मे
इन अंग्रेजों द्वारा भर दिया गया जो आज भी हमको जानबूझ कर पढ़ाया जा रहा है ताकि हम
गुमराह होते रहें | हम हिन्दू
अपनी-अपनी जातियो मे ऊंच-नीच करते रहें और हमारे मन में हमारी संस्कृति ,सभ्यता के प्रति गलत भावना पैदा हो !
तो मित्रो,
अंत में आपसे निवेदन है कि कोई भी भारतीय ग्रंथ
,धार्मिक पुस्तक ,शास्त्र पढ़ें तो ध्यान रहे वो इन अंग्रेज़ो
द्वारा छेड़खानी किया हुआ न हो क्योंकि ज़्यादातर बाजार मे बिक रही किताबें वहीं है
जिनमे अंग्रेज़ो ने छेड़खानी की है |
पूरी पोस्ट पढ़ी,
बहुत-बहुत धन्यवाद | अग्रेजों ने क्या क्या विक्षेपन किये अधिक जानकारी के लिए
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अमर बलिदानी
राजीव दीक्षित जी की जय !!
वन्दे मातरम् !!
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