नयी सोच
Thursday, 20 February 2014
नदियाँ भी बहती हैं
नदियाँ भी बहती हैं अपनी अपनी धारा में
जीवन भी बह जाता है किसी कशमकश में ,
किसी का अंत सागर तक तय है तो
कोई अंत की तलाश में भटकता जाता है | - लिली कर्मकार
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