नयी सोच
Thursday 14 November 2013
सागर की लहरों में कहीं ,
सागर की लहरों में कहीं
,
दूर चला जाता है या डूब जाता है
जीवन का हर एक फलसफा
|
सागर की दूसरी ओर देखती ही रहती हूँ
अपने हाथों को थामे
,
अंतहीन काल से
,
अकेले ही बैठे हो तुम
| -
लिली कर्मकार
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