सीबीआई डायरेक्टर
रंजीत सिन्हा ने सट्टेबाजी की तुलना रेप से की और कहा कि -- “रेप पर रोक नहीं लगा सकते तो इसे ‘एंजॉय’ करते हैं” | रंजीत सिंह ने यह बयान सट्टेबाजी को कानूनी रूप देने की तरफदारी करते हुये
दिया था और अपनी बात को उदाहरण सहित समझाने के लिए उन्होंने कह दिया “अगर आप सट्टेबाजी पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते तो
इसका मतलब यही हुआ जैसे आप बलात्कार को रोक नहीं सकते तो उसे ‘एंजॉय’ करते हैं “ | रेप की तुलता सट्टेबाजी से कितने हद्द तक सही है ?
मंगलवार को दिया बयान ---
“दुष्कर्म नहीं रोक पाने की स्थिति में, उसका मजा लेना चाहिए |”
बुधवार को दी
सफाई ---
“मैं महिलाओं के
सम्मान के प्रति प्रतिबद्ध हूं, अनजाने में मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं खेद जताता हूं |”
आप वरिष्ठ लोग
ऐसे बयान ही क्यूँ देते है जो बाद में अपने बयान के लिए सरेआम खेद जताना पड़े और
ज़्यादातर तो आप वरिष्ठ लोग आपने बयान से ही पलट जाते है | सरेआम जो भी बोलते है आप लोग थोड़ा अपने पद का
और अपनी इज्ज़त का लिहाज करे के बोलिए क्योंकि ऐसे संदेश से घृणित और खौंफनाक
इरादों वाले इंसान को ही बल मिलता है |
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