‘प्यार’ कब, कहाँ और
किससे हो जाए कहना मुश्किल है | प्यार तो बस हो जाता है किसी
को ठीक से पता भी नहीं चलता हैं | अगर प्यार सही इंसान से हो
गया तब तो जीवन सफल है और अगर गलत इंसान से हो गया तब जीवन बहुत दुखदाई बन जाता है
| और इसी के चलते बहुत सारे लोग अपने साथ गलत कर बैठते है या
जोश में आकर गुनाह कर बैठते है | मैं कुछ दिन से येही देख रही
हूँ -- इंसान कैसे अपने जीवन को बद से बदतर बनाते जा रहे है |
मैं बस यहाँ इतना ही कहना चाहती हूँ कि अगर किसी को भी अपने प्यार जैसी संपर्क
को ले कर कोई भी शक या दर्द है तो वो अपने अभिभावक, माता-पिता
या किसी भी विश्वसनीय व्यक्ति के साथ अपनी मन की बात ज़रूर साझा करे | अभिभावक कभी भी हमारा बुरा नहीं चाहते है | हमारे अपने
हमारी भलाई हमसे भी ज़्यादा सोचते है | प्यार टूटने पर कोई भी
गलत कदम ना उठाय क्योंकि हम अपने जीवन में सिर्फ एक ही रिश्ते को नहीं जीते है , हमारे आस-पास ओर भी कई रिश्ते होते है जो बहुत महत्वपूर्ण होते है | हम जानते है कि जब ऐसा हादसा होता है तब बहुत दर्द महसूस होता है | लेकिन यह भी सच है कि यह दर्द कुछ वक़्त के लिए होता है | उस वक़्त को पार करना ही कठीण होता है , लेकिन वक़्त एक
ऐसी दवा है जो हर ज़ख्म को भर देता है | बस हम सबको थोड़ा अपने
धर्य की थोड़ी परीक्षा देनी पड़ेगी | क्रिपिया कोई भी लड़का या लड़की
कोई भी गलत कदम उठाने से पहले हज़ार बारे सोचे कि उसके एक गलत कदम उठाने से उसके या
फिर उससे सम्बंधित दूसरे की जीवन में बाद में चल कर इसका क्या असर पड़ सकता है !!!
बहुत सुन्दर विचार !!
ReplyDeleteधन्यवाद |
Deleteबहुत बहुत आभार |
ReplyDeleteसंदेश देता सार्थक लेख |
ReplyDeleteमेरी नई रचना में आपका स्वागत है |
इक नई दुनिया बनाना है अभी
आपके ब्लॉग को यहा शामिल किया गया है | जरूर पधारें |
ReplyDeleteब्लॉग"दीप"
धन्यवाद ....
Delete