Friday 23 August 2013

एक 19 वर्षीय लड़की --- स्वभाव बहुत ही कठोर और रूखा --- परिजन और परिचित कहते है की “इस लड़की में बात करने का लिहाज नहीं है” | अब इस लड़की ने अपनी लिहाज क्यों छोड़ी है मैं आप सबको बताती हूँ ---- 

व्यक्तिगत तौर पर इस लड़की के साथ मेरी बहुत अच्छा संबंध है वो हर एक बात मुझसे शेयर करती है | दिखने में बहुत ज़्यादा सुंदर नहीं है लेकिन हर एक काम में निपुण है घर की आर्थिक स्थिति भी बहुत खराब है इसलिए चाचा लोगों की सहायता से चलता है उसका परिवार | और वो लड़की स्वाभिमानी है इसलिए खुद भी कमाने की कौशिश करती है |

अब और एक पहलू देखिये जब यह लड़की 11/12 साल की थी तब उसके एक जाननेवाले ने ही ना जाने कितनी बार उससे दुष्कर्म करने की कौशिश की | एक तो गरीब होने के कारण हमेशा सही होने के बाद भी उसे झुक कर रहना पड़ा अपने परिजनों के सामने उनका हर एक आदेश मानना पड़ा अभी भी ऐसा है लेकिन अब वो समझदार है जितना करना है उतना ही करती है |

अब बात यह है यह लड़की क्यूँ ना कठोर बने ! जिसने अपना बचपन जिया नहीं , हमेशा अपनों के बीच रह कर भी अपने आपको उस घर का हिस्सा नहीं मान सकी | उस बच्ची के मन पर क्या असर पड़ेगा जब कोई उसके साथ दुष्कर्म करना चाहे | और वो आज इसलिए कठोर है ताकि उसकी मजबूरी का और कोई फायदा ना उठा पाये | कहीं न कहीं इसके लिए हम सब और हमारा समाज जिम्मेदार है की किसी अच्छे इंसान को हम उसका चरित्र बदलने पर हम मजबूर कर देते है और फिर हम ही उस पर इल्ज़ाम लगते है की “यह ऐसा क्यू है यह वैसा क्यू है” |

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