Thursday 15 August 2013

आज स्वाधीनता दिवस की जश्न कुछ सकारात्मक सोच के संग : - 

पहली बात तो यह है कि आज मैं अगर यह स्टेटस पोस्ट कर पा रही हूं तो सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं आज़ाद हूँ |

दूसरी बात - मेरी दादी पढ़ी-लिखी नहीं थीं, क्योंकि कहीं न कहीं वो आज़ाद नहीं थीं लेकिन बाद में चलकर मेरी बुवा ने उनको पढ़ना-लिखना सिखाया, वो अलग बात है, लेकिन मैं पढ़ी-लिखी हूँ क्योंकि पढ़ने की आज़ादी मुझे मिली है |

मैं अपनी मर्ज़ी से जो चाहे कर सकती हूँ, मैं अकेले कहीं पर भी जा सकती हूँ, मेरी पहनावे पर कोई रोक-टोक नहीं है, मैं अपने जीवन को अपने तरीके से सोच सकती हूँ | यह सब मेरे लिए बहुत बड़ी आज़ादी है | दूसरे देश के साथ भी अगर हम अपने देश की तुलना करें तो अमेरिका जैसे प्रगतिशील देश ने आज़ादी के 75 साल बाद महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया और हमारे देश में तो महिलाओं को वोट का अधिकार संविधान बनते ही मिल गया था | 700 साल गुलामी के बाद 66 साल की आज़ादी में जितना मिला है काफी मिला है | हाँ कुछ खामियाँ तो हैं लेकिन उसे हम सबको मिल कर दूर करना पड़ेगा |

आप सभी को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ | जय हिन्द , जय भारत |   

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