Saturday 10 August 2013

वक़्त के पन्नों को अगर पलट कर देखें 
तो आसान नहीं होता अपनी गलतियों को परखना | 
हाँ ! यह सच है हम जीवन के जद्दोजहद में आगे बढ़ तो गए, 
लेकिन अनंत पीड़ा के साथ | 
पीड़ा कुछ अनकही बातों की तो कुछ अनसुलझी बातों की ! 
आसान नहीं होता सब भूल कर जी लेना , 
लेकिन जीने का नाम भी तो
कहीं न कहीं 
इस दुनियावालों ने भी अतीत को भूल जाना ही सही माना है | - लिली कर्मकार

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