यहाँ ज़िन्दा कौन है .... !
यह तो है ....
चलती फिरती लाशों का शहर है ... !
जहां दिल तो है लेकिन धड़कन नहीं है ....
जहां अपने तो है लेकिन अपनापन नहीं है ... । - लिली कर्मकार
यह तो है ....
चलती फिरती लाशों का शहर है ... !
जहां दिल तो है लेकिन धड़कन नहीं है ....
जहां अपने तो है लेकिन अपनापन नहीं है ... । - लिली कर्मकार
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