Wednesday 17 October 2012

एक के बाद एक घोटाला ... मानो घोटाला शब्द आम जनता के घर का सदस्य बन चूका हो जैसे .... ! हाल ही में कोयला घोटला से लेकर थोरीयम घोटाला .... कानून मंत्री से लेकर दामाद वाड्रा तक का घोटाला ..... ! आम जनता याद रखे भी तो कितने घोटालों को याद रखे ..... ! धीरे धीरे सबकी याद धुंधली पड़ जाती है और हम भूल भी जाते है .... ! लेकिन भ्रष्टाचार नामक चर्चित शब्द आम जनता का गला घोटने का और खास लोगो की सेवा का उपकरण है ही .... ! जिससे गरीबी तो नहीं मिट पाती लेकिन गरीब तो पूरा मिट ही जाता है .... !

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