नयी सोच
Tuesday 16 October 2012
तुम्हारे अस्तित्व की वजह ही , माँ …
मेरे जीवन का कारण ... !
कहीं नयी सुबह की शुरुवात ...
तो कहीं अन्याय की अंत करने की ...
वजह भी तुम रही हो माँ ... ! – लिलि कर्मकार
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