किसी की मन की आवाज़ दिल को छुई .....
बस वही लिख रही हूँ .....
भीड़ भरे बाज़ार में जब वो मुझसे टकराई
मैंने उसे देखकर बस इतना कहा की ....
“ बहन जी मैं कुछ मदद करूँ क्या … ? ”
उसने जवाब दिया “ सिर्फ एकदिन की मदद का क्या ?
बस वही लिख रही हूँ .....
भीड़ भरे बाज़ार में जब वो मुझसे टकराई
मैंने उसे देखकर बस इतना कहा की ....
“ बहन जी मैं कुछ मदद करूँ क्या … ? ”
उसने जवाब दिया “ सिर्फ एकदिन की मदद का क्या ?
मेरे बापू ने मेरे लिए सब कुछ किया बस
नहीं दिया , थोड़ा सा अक्षर दान …..
दहेज के साथ थोड़ा बहुत अगर अक्षर दान भी दे देते ,
हो लेने देते अपने पैरों पर खड़ा बापू ....
तो शायद यह दर्द भरी दिन भी नहीं देखना पड़ता .... ! ” – लिलि कर्मकार
नहीं दिया , थोड़ा सा अक्षर दान …..
दहेज के साथ थोड़ा बहुत अगर अक्षर दान भी दे देते ,
हो लेने देते अपने पैरों पर खड़ा बापू ....
तो शायद यह दर्द भरी दिन भी नहीं देखना पड़ता .... ! ” – लिलि कर्मकार
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