देखो आडंबर इस दुनिया का ...
जज्बात से भरी दुनिया में …..
जज्बातों की कोई कदर नहीं ...!
आखों को बंद करते ही …..
हमारे सामने आ गए ……
कोई भूखा है तो कोई बेकार .... !
दायरे में खड़ी होती हूँ तो ...
सच्चाइयाँ कड़वाहट के ...
रूप में सामने आती है ... ।
दुनिया खूबसूरत तो है लेकिन ...
नज़र क्यू नहीं आती ... ?
खरीदने वाले तो सिर्फ ....
बाज़ार में मिलते है , हर चीज़
की दाम लगाने के लिए ..... ! - लिलि कर्मकार
जज्बात से भरी दुनिया में …..
जज्बातों की कोई कदर नहीं ...!
आखों को बंद करते ही …..
हमारे सामने आ गए ……
कोई भूखा है तो कोई बेकार .... !
दायरे में खड़ी होती हूँ तो ...
सच्चाइयाँ कड़वाहट के ...
रूप में सामने आती है ... ।
दुनिया खूबसूरत तो है लेकिन ...
नज़र क्यू नहीं आती ... ?
खरीदने वाले तो सिर्फ ....
बाज़ार में मिलते है , हर चीज़
की दाम लगाने के लिए ..... ! - लिलि कर्मकार
No comments:
Post a Comment