Saturday 1 September 2012

भावुकता भरी मूर्खता और कुटनीति में शून्यता .तार्किकता में जड़ता … सिद्धांतों के विषय में मनमाना और दोगला आचरण करने बाला ..... अपने योगदान को सर्वश्रेष्ठ और दूसरों के योगदान को सिरे से नकारने बाला ... जमीनी सच्चाईयो से दूर विना मेहतन और अनुशासन के हवाओं में सपनो के महल बनाने बाला ... अपनी कमियों को ढक कर दूसरों की आलोचना करने बाला ... अपनी मूर्खता को सर्वश्रेष्ठता का आवरण पहनाने बाला समाज ... सिर्फ पतन के रास्ते पर जाता है ........... नीति शतक
 

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