Saturday 1 September 2012


जब मनुष्य हृदय स्थिर अविनाशी का अनुभव करता है तो वह शान्ति का अनुभव करता है । वह है असली शान्ति का अनुभव ! वह है उस परमात्मा का अनुभव ! चाहे थोड़ी देर ही रहे , परंतु वह जो अनुभव है , आनन्ददायक होता है ।

शान्ति को समझने के लिए पहले यह समझना पड़ेगा की हमारे-तुम्हारे में कोई अंतर नहीं है । तुम भी मनुष्य हो , हम भी मनुष्य हैं , हम सभी मनुष्य हैं । जब हर एक मनुष्य अपने आपको समझेगा , तभी जीवन में असली शान्ति स्थापित होगी ।
 

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