दिल टूटने की आहट नहीं हुयी
पर उसका दिल भी टूटा था ..... !
पर उसका दिल भी टूटा था ..... !
साथ चलने वालों को ही अगर दुनिया
‘ साथी ’ कहते है तो अब वोह ....
इस दुनिया के बाज़ार में अकेली न रहती ..... !
ना जाने कितने ठोकर खाई हुयी है .....
इस एक ‘ फर्जी दिल ’ के पीछे ...... !
जो दिल के अरमानों का सौदा किया ....
वहाँ दिल की लगी क्या थी ......?
वोह खुले बाज़ार में यू ही ......
दिल का सौदा करके चला गया ..... !
दिल के सौदागरों के तरह ...... ! - लिलि कर्मकार
‘ साथी ’ कहते है तो अब वोह ....
इस दुनिया के बाज़ार में अकेली न रहती ..... !
ना जाने कितने ठोकर खाई हुयी है .....
इस एक ‘ फर्जी दिल ’ के पीछे ...... !
जो दिल के अरमानों का सौदा किया ....
वहाँ दिल की लगी क्या थी ......?
वोह खुले बाज़ार में यू ही ......
दिल का सौदा करके चला गया ..... !
दिल के सौदागरों के तरह ...... ! - लिलि कर्मकार
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