दुनिया वाले नादान है जो . . .
उसे पत्थर दिल समझते है . . . !
कभी कहते थे की . . .
कोई दुआ है वह . . . !
आज कहने लगे की . . .
एक सजा है वह . . . !
यही दस्तूर है ओर . . .
ऐसा ही होता आया है . . .
वह जिंदगी का . . .
साथ निभाता चला गया . . .
हर कदम पे खुद के दिल को . . .
समझाता चला गया . . .
कोई साथ नहीं निभाता उम्र भर . . .
फिर भी वह . . .
हर रिश्ता निभाता चला गया . . .
मिले ज़ख़म फिर भी . . .
वह मुस्कुराता चला गया . . . ! - लिलि कर्मकार
उसे पत्थर दिल समझते है . . . !
कभी कहते थे की . . .
कोई दुआ है वह . . . !
आज कहने लगे की . . .
एक सजा है वह . . . !
यही दस्तूर है ओर . . .
ऐसा ही होता आया है . . .
वह जिंदगी का . . .
साथ निभाता चला गया . . .
हर कदम पे खुद के दिल को . . .
समझाता चला गया . . .
कोई साथ नहीं निभाता उम्र भर . . .
फिर भी वह . . .
हर रिश्ता निभाता चला गया . . .
मिले ज़ख़म फिर भी . . .
वह मुस्कुराता चला गया . . . ! - लिलि कर्मकार
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