Saturday 1 September 2012


मुझसे अकसर कई लोग यह पूछते है की मैं किस के साथ हूँ बाबा रामदेव जी के साथ , अन्ना के साथ या राजीव दीक्षित जी के साथ ..... लेकिन मेरा जवाब सिर्फ एक है “ मैं हर उस एक इंसान के साथ हूँ जो राष्ट्रहित के बारे में सोचते है , वो कोई भी हो सकता है एक आम जनता भी । ”

अभी क्रांति होना ज़रूरी है सभी को अपनी व्यक्तिगत सोच और स्वार्थ को बहुत पीछे छोड़के आगे आना है .... जो देश के लिये सोच रहे है हम सब को उनका
 ही साथ देना चाहिए न की आपस में भिड़ना है .... वैसे भी आपसी मतभेद के कारण सरकार को और देश के गद्दारों को बहुत मौका मिल चुका है और वो लोग भी यही चाहते है की हम सब आपस में लड़के हर आंदोलन को ऐसे ही खतम कर दे ....हमारा देश पहले से ही जातिवाद के नाम से बांटा हुया है अब अगर हम सब आंदोलन और क्रांति के नाम पे भी बाँट जाए तो यह कहाँ की बुद्धिमानी होगी ..... ! हमारे देश में समाज बहुत सारी जाति में बांटा हुया है इसलिए हम लोगो ने खोया भी बहुत ... मन में बहुत खटास भी है एक दूजे के लिए लेकिन अब राष्ट्रहित के बारे में सोचना है ... किसी को भी हमारे अंदर फूट डालने की मौका नहीं देना है .... अब सबको एक साथ देशहित के बारे सोचना है नाकि व्यक्तिगत रंजिसो के बारे में ... सरकार को और देश के गद्दारों को उनके इरादें सफल करने का एक भी मौका नहीं देना चाहिए .... ! धन्यवाद ...... !

जय हिन्द , जय भारत ..... !

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