***!!! जीवन – मृत्यु !!!***
१। धर्म ही जीवन है और अधर्म ही मृत्यु ।
२। प्रेम ही जीवन है और मोह ही मृत्यु ।
३। परोपकार ही जीवन है और स्वार्थ ही मृत्यु ।
४। संतोष ही जीवन है और लोभ (तृष्णा) ही मृत्यु ।
५। विद्या ही जीवन है और अविद्या ही मृत्यु ।
६। पुरुषार्थ ही जीवन है और आलस्यता ही मृत्यु ।
७। उदारता ही जीवन है और कृपणता ही मृत्यु ।
८। ब्रह्मचर्य ही जीवन है और व्यभिचार ही मृत्यु ।
९। वीरत्व ही जीवन है और कापुरुषता ही मृत्यु ।
१०। पवित्रता ही जीवन है और अपवित्रता ही मृत्यु ।
११। मैत्रीभावना ही जीवन है और घृणा ही मृत्यु ।
१२। अहिंसा ही जीवन है और हिंसा ही मृत्यु ।
२। प्रेम ही जीवन है और मोह ही मृत्यु ।
३। परोपकार ही जीवन है और स्वार्थ ही मृत्यु ।
४। संतोष ही जीवन है और लोभ (तृष्णा) ही मृत्यु ।
५। विद्या ही जीवन है और अविद्या ही मृत्यु ।
६। पुरुषार्थ ही जीवन है और आलस्यता ही मृत्यु ।
७। उदारता ही जीवन है और कृपणता ही मृत्यु ।
८। ब्रह्मचर्य ही जीवन है और व्यभिचार ही मृत्यु ।
९। वीरत्व ही जीवन है और कापुरुषता ही मृत्यु ।
१०। पवित्रता ही जीवन है और अपवित्रता ही मृत्यु ।
११। मैत्रीभावना ही जीवन है और घृणा ही मृत्यु ।
१२। अहिंसा ही जीवन है और हिंसा ही मृत्यु ।
No comments:
Post a Comment