Thursday 29 May 2014

बाबा रामदेव का बहुत विरोध कर रहे है

मैं अपनी विचार से हमेशा ही स्वतंत्र हूँ और मैं कभी किसी व्यक्ति का अंधभक्त भी नहीं हूँ । और आज यह पोस्ट भी मैं स्वतंत्र हो कर ही लिख रही हूँ । भारत स्वाभिमान से जुड़ी हूँ इसका इस पोस्ट से कोई लेना देना नहीं है ।

कुछदिन से देख रही हूँ बाबा रामदेव का बहुत विरोध कर रहे है कई लोग
। वो लोग भी अपने सोच से स्वतंत्र है । लेकिन मैं यहाँ एक बात ज़रूर कहूँगी अगर कोई भी हमारे समाज को कुछ भी अच्छा देता है तब वहाँ हमे अपनी व्यक्तिगत आक्षेप को कम करना चाहिए । बाबा रामदेव ने हमारे समाज को बहुत कुछ दिया है । जहां इंसान योग प्राणायाम को भूल चुका था वहाँ बाबा ने ही आज योग प्राणायाम और आयुर्वेद को घर घर में फैलाया है और यह बात तो सबको स्वीकार करनी पड़ेगी । अगर कोई स्वीकार नहीं कर रहा तो यह उसकी व्यक्तिगत समस्या है । इंसान वही ही है जो सच को स्वीकार करे , यह मैं अपनी फील्ड वर्क की अनुभव से कह सकती हूँ 2008 के पहले आम जनता यह नही जानती थी कि यह कालधन और भ्रष्टाचार क्या होता है !


राजीव दीक्षित जी ने सबसे पहले कालाधन एवं भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया फिर बाबा रामदेव से मिल कर इस मुहिम को चलाया
भारत स्वाभिमानसांगठन के माध्यम से । बीच में राजीव दीक्षित जी का आकस्मिक मृत्यु हो गई,  इस संथा ने एक महत्वपूर्ण नीव खों दिया जिसका दुख हमे महेशा रहेगा क्योंकि उनका स्थान कोई पूरा नहीं कर सकता । फिर भी बाबा रामदेव ने इस लड़ाई को लड़ा उनके ऊपर काँग्रेस सरकार ने बहुत सारे केसेस भी किया फिर वो कालाधन और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ते रहे और आज भी लड़ रहे है । अपनी यात्रा करता रहा और जन जागरण की मुहिम चलता रहा । आज बीजेपी हो या केजरीवाल हर कोई पार्टी काँग्रेस के खिलाफ कालधन और भ्रष्टाचार को मुद्दा बना कर ही चुनाव लड़ा । लेकिन इस मुद्दे का शुरुवात राजीव दीक्षित जी और बाबा रामदेव ने मिल कर किया था और जनता को भी इनहोनें ही जगाया । 4 जून के बाद जनता काँग्रेस के ऊपर और ज़्यादा भड़क गए और सोच ही लिया की कॉंग्रेस को हटाना ही है । इस बीच जनता को मोदी जी जैसा नेता भी मिला और कॉंग्रेस का हारना तय हो गया । बीजेपी सत्ता पर भी आगया । लेकिन कुछ लोगो अब रामदेव के अवदान को भूल कर उन्हें बुरा भला गंदी भाषा में गली गलौज करने पर उतारू हो गए । कुछ लोगो के लिए व्यक्तिगत नाराजगी समाज से ऊपर है । अगर किसी ने हमारे समाज के लिए इतना किया है वे अगर कभी जोश में आ कर दो चार बात इधर उधर कर देते है कभी कभी हमे उस बात को हजम कर लेनी चाहिए क्योंकि उनके देंन के आगे यह बहुत छोटी सी चीज़ है । लोग विरोध भी कर सकते है उनकी बातों का हम भी करते है कभी कभी लेकिन शालीनता से क्योंकि बाबा रामदेव कोई क्रिमिनल नहीं है । अपने सोच और मन को भी हमे बड़ा बनाना चाहिए अगर खुद को हम एक जिम्मेदार नागरिक कहते है तो ।

कुछ लोग कहते है राजीव दीक्षित जी को बाबा रामदेव ने मार डाला मैं उन सबको कहती हूँ आप प्रमाण करो नहीं तो आप लोग भी केजरीवाल की तरह ही साबित होंगे और
फिर आप सब में और केजरीवाल में कोई अंतर भी नहीं रहेगा । बिना सबूत हाथ में लिए जोश में कुछ भी कह देना और किसी के ऊपर खुल कर इतना बड़ा आरोप लगना भी बेआईनी है । हम सभी को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए । दूसरे आरोप लगाना सहज होता है लेकिन हमने अपने समाज के लिए कितना किया और अपने समाज को हमने कितना दिया कभी फुरसत में हमे भी यह सोचना चाहिए । अंत में एक बात गाली गलौज और आरोप लगा कर कोई प्रसिद्धि नहीं पा सकता प्रसिद्धि पाने के लिए अपनी व्यक्तिगत स्वार्थ को बहुत पीछे छोडना पड़ता है और कुछ कार्य करना पड़ता है ।

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