काँग्रेस पार्टी
ने पिछले दस सालों की अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए वास्तविक राष्ट्रीय मुद्दों से
पीछे हटकर चुनाव में नरेन्द्र मोदी जी पर व्यक्तिगत आक्षेप और झूठे आरोपों की
राजनीति की शुरुवात की लगभग सभी विरोधी पार्टी के नेताओं ने मोदी को राजनीति की
मर्यादा तोड़ कर अपशब्द कहे कुछ भाजपा नेताओं ने भी पलट कर भाषा की मर्यादा तोड़ी
हालांकि मोदी जी ने कभी अपने ऊपर हुए अपशब्दों के प्रयोग का जबाब नहीं दिया इसका
प्रभाव चुनाव के परिणामों में अवश्य दिखेगा फिलहाल भाजपा चुनाव में बढ़त लेकर चल
रही है उसको अपने नेताओं पर नियंत्रण रखना चाहिए सुशाशन की शुरुआत अच्छे पार्टी और
और उसके नेताओं के सभ्य आचरण से होती है !!
जय हिन्द,
जय भारत !!
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