अरविन्द केजरीवाल
ने जब राजनीति की शुरुवात की थी तब मुझे भी एक नवीन आशा की किरण देश में दिखी
सामान्य रूप से मैं भी अपने मन में उम्मीद पाल बैठी लेकिन समय बढ़ता गया और
सिधान्तों की जगह तुष्टिकरण और झूठे वादों ने ले ली उसके बाद हर बात में एक झूठ और
फरेब और दूसरी पार्टियों के भ्रष्टाचारी नेताओं को अपनी पार्टी में लेकिन की कवायत
शुरू हुई और धीमे धीमे मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार से हट कर वही काँग्रेसी राग मोदी
और गुजरात दंगे और गुजरात जैसे विकसित राज्य को झूठ का प्रचार बताना आदि आदि
कारणों से देश की जनता अरविन्द केजरीवाल से चिढने जैसा लगी है हो सकता है आपको
मेरी पोस्ट में कुछ पूर्वाग्रह या जल्दीबाजी जैसा दिखे लेकिन लोकसभा चुनाव का
परिणाम आने पर आप अवश्य सहमत हो जायेंगे ..!!
अब देश की जनता
अरविन्द केजरीवाल या अन्य झूठे लोगो को नकार चुकी है .!!
पूर्ण विश्वास है
अच्छे दिन आने वाले है !!
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