Thursday 24 April 2014

सोश्ल मीडिया जैसी आभासी दुनिया

कई बार ऐसा होता है जब कोई हमारा विश्वास तोड़ता है फिर भी हमे दूसरे के ऊपर विश्वास कर के जीवन में आगे बढ़ाना पड़ता है क्योंकि एक इंसान के वज़ा से पूरी दुनिया जहां के इंसान खराब नहीं हो जाते | सोश्ल मीडिया जैसी आभासी दुनिया की भी अगर हम बात कर ले यहाँ हमे बहुत सारे लोग मिलते है और बिछड़ते भी है कई लोग तो इतने खास बन जाते है की बिलकुल अपने घर के इंसान से भी बढ़ कर हो जाते है |

कई इंसान हमारे भावनाओं के साथ इतने अच्छे खेलता है की उससे भी हमे बहुत सीख मिलते है जीवन में आगे बढ़ने में | हाँ दुख होता है जब कभी भी हम किसी के ऊपर बहुत ही ज़्यादा विश्वास करते है और बहुत ही अपना मानते है जब वो विश्वास तोड़ता है वो हमसे दूर चला जाता है तो | कई बार तो वो दूसरे की बातों पर उठते बैठते है और हर फैसला दूसरे के इशारे पर करते है | लेकिन यह भी सच है अगर वो अपना ही होता तब न ओ वो हमारा विश्वास तोड़ता और तो हमे छोड़ कर जाता | लेकिन इस वज़ह को अपने जीवन में ज़्यादा हावी नहीं होने देना चाहिए |

वक़्त के साथ साथ सब संतुलित हो जाता है और हमे आगे भी बढ़ना पड़ता है | मुझे यह कहते हुये बहुत अच्छा महसूस होता है की मुझे फ़ेसबूक में भी 90% लोग अच्छे ही मिले |


और किसी भी दुनियाँ में शत प्रतिशत लोग अच्छे ही हों ये भी संभव नहीं जो अच्छा है उसे मिलाते चलो बुरे अपने आप दूर होते जायेंगे ||

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