Tuesday 10 September 2013

किसी भी दंगे को कोई भी प्रोत्साहित ना करें |

किसी भी दंगे को कोई भी प्रोत्साहित ना करें | जिन लोगो ने सांप्रदायिक दंगा नहीं देखा उन लोगों को पता भी नहीं यह दंगा क्या होता है ! हमने देखा है , हम जानते है की इन दंगो में सिर्फ बेकसूर लोग मरते है और राजनैतिक लोग इन दंगो में भी अपने स्वार्थ की रोटिया सेंकने में लग जाते है | एक साल पहले आसाम जला था जिसका असर हम सब अभी तक भुगत रहे है | ना जाने ऐसे कितने घर जले , ना जाने कितने मासूम बच्चे मरे जिनका कोई कसूर ही नहीं था | दंगे के वक़्त जो हालत होता है , उनके जख्मो को उससे प्रभावित व्यक्ति ही महसूस कर सकता है | कम्प्युटर स्क्रीन के सामने , चाय की चुस्की के साथ उसका अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता हैं |

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