कभी एक अंकल आए थे मुझसे योग सीखने के लिए क्योंकि शराब पी-पी कर वे बीमार पड़
गए थे ,श्वास लेने में तकलीफ
होती थी उनको | उनको शराब छोड़ना ही था
क्योंकि वे इस बात को समझ रहे थे कि इस कारण से उनका परिवार बिखर रहा है और साथ ही
उनका बेटा भी भटक रहा है | वे हर रोज़ मनोयोग से 2 घंटा योग करते रहे , आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़ते रहे , ध्यान करते रहे और हर रोज़
नयी-नयी आध्यात्मिक चीजों को अपने जीवन में लेते रहे | कभी उन्होनें मुझे कहा था
“लिली तुम मुझे हर रोज़ एक
आध्यात्मिक Massage
ज़रूर करना” और मैंने किया भी | आज वे अंकल उस शिखर पर
हैं जहाँ से आज वे मुझे आध्यात्मिक ज्ञान देते हैं , योग सिखाते हैं , हर रोज़ मुझे एक आध्यात्मिक Massage भजते हैं | कितनी खुशी होती है यह
देख कर की कोशिश करो तो उसका फल ज़रूर मिलता है और हम अपने जीवन की दिशा कैसे बदल
सकते हैं | असल में जीवन कहीं पर भी
नहीं रुकता बस हमारी सोच रुक जाती है | मेरा मानना यह है यदि हम कुछ सही करना चाहें तो “सही चीजों के लिए हर वक़्त
ही सही होता है बस आत्मविश्वास ज़रूरी होता है” |
आत्मविश्वास हो तो सब कुछ हो सकता है और जिनमें आत्मविश्वास की कमी हो उनका आत्मविश्वास जागृत करना पड़ता है !!
ReplyDeleteपूरण जी सही कहा अपने ... धन्यवाद |
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति .; हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ
ReplyDeleteकभी इधर भी पधारिये ,