Monday 22 April 2013

दिल्ली में 5 साल की बच्ची के साथ , मध्यप्रदेश में 4 साल की बच्ची के साथ और आज आसाम में 9 साल की बच्ची के साथ बलात्कार | ना जाने ऐसे और कितने बलात्कार के मामले हैं जो हमारे सामने नहीं आते | चारों ओर इस मुद्दे को लेकर बहुत हलचल भी है जनता में | फिर भी हर रोज़ ऐसी घटना लगातार घट रही है | इंसान सड़कों पर भी आन्दोलन कर रहे है | अब हम ऐसा सोचने पर मजबूर हो गए है कि इंसान के अंदर जो गुनाह करने का डर होता है और इंसानियत होती है वो आज के दौड़ती दुनिया में फीकी पड़ गयी है | हम सभी प्रगति की ओर भाग रहे है लेकिन यह भी सच है कोई भी प्रगति नैतिकता और इंसानियत के बिना पूरी नहीं हो सकती ,वो अधूरी ही रहेगी |

रही बात प्रशासन की हम यह जानते हैं कि वह हर एक लड़की के पीछे एक-एक पुलिस कर्मी नहीं दे सकता लेकिन सजा तो ऐसा ज़रूर दे सकता है जिसे देख कर लोग ऐसी हरकत करने पर लाख बार सोचें |

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