Saturday 10 November 2012

देखो आज उस मासूम लड़के को चोर करार दिया गया है ....
क्योंकि वो लड़का किसी अमीर की फेंकी हुयी रोटी को छीन कर खा गया ....
अगर भूख और मजबूरी उस लड़के को चोर बनाया ....
तो ऐसे चोर की हमारे समाज में क्या कमी है ... !

एक तरफ महंगाइ तो एक तरफ इंसानियत की मौत ....
आज के जमाने में कोई शरीफ रहे भी तो कैसे रहे ... !
जहां आम आदमी को समझने वाला कोई नहीं ... !
वहाँ चोर और अहसान फरामोश बनना कौनसी बड़ी बात है ... !

इल्ज़ाम लगाना तो अब इस समाज का हिस्सा बन गया ...
समझने को हम सब समझते है लेकिन सच्चाई को नहीं समझते ... !
न तो कभी अंदर झाँकने की कोशिश किए न कभी पुकारने की ...
बनने दिया उसे चोर क्योंकि वो हमारा कौन है और उससे हमारा रिश्ता क्या है ... ? – लिली कर्मकार

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