नयी सोच
Saturday 1 September 2012
रिश्ता तो वह होता है .......
जो हमे दो पल की सुकून दे ....।
रिश्ता वह नहीं है .......
जहा डर से जिया जाए ......।
रिश्ते की भाषा तो ......
जीवन की सबसे बड़ी परिभाषा है ......। - लिलि कर्मकार
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