जातिवाद समाज के जहर है ........ !ना जातिवाद , ना भाषावाद , ना वाद-विवाद ....... ! जातिवाद , संप्रदायवाद , लिंग असमानता , रूढ़िवादी परंपरा एवं पर्दा-प्रथा का सामना करते हुए भारत विकास को कौन सी नयी दिशा दे पाएंगी .... ? क्या इसी तरह रामराज्य का सपना पूरा होगा .... ?
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