नयी सोच
Friday 31 August 2012
सांसरिक प्रेम महासागर की तरह हो सकता है ,
पर महासागर का भी एक तल है ...... !
इस्वरीय प्रेम आकाश की तरह है – अनंत ओर असीम .... !
महासागर के तल से ऊपर उड़ जाओ विशाल तभ तक ...... !
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