नयी सोच
Thursday 30 August 2012
मैं एक नारी हूँ दर्द सहना ही
मेरी जीवन है ॥
किस्से बाँटू आफ्ना दर्द ??
जो सिर्फ किसी किसी को ही,
समझ मे आती है !!
फितरत मेरी किसी को दुख देना नहीं
फिर भी कोई समझते नहीं ॥
मैं एक नारी हूँ दुखों मे भी
मुस्कराते रहना मेरी .........! लिली कर्मकार ।
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