Thursday 24 April 2014

मानवता का तकाजा

हम राजनीति की बात कर रहे है लेकिन अपने देश में हमें उन गरीबो और लाचार नागरिको के बारे में भी समेकित प्रयास करने होंगे जिनके पास आज जीवन यापन के पर्याप्त साधन नहीं है जो इंसान मेहनत मजदूरी करके दो वक्त की रोटी कमाते है उनका भला जो इंसान कर सके वही मानवता का सच्चा पुजारी होता है इसलिए यदि हम अपने जीवन में मजबूर और गरीबो के उत्थान के लिए कुछ काम कर सकें तो हमारा मानव के रूप में जन्म लेना सार्थक होगा |


देश का सही विकास वही है जिसमे हर इंसान को जीने के अवसर मिले शिक्षा और रोजगार का मौलिक अधिकार मिले यही मानवता का तकाजा है .....||

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