हमारे देश में एक
समुदाय ऐसा है जो अपना वोट और अधिकार को ले कर बहुत सतर्क है और एक समुदाय ऐसा भी
है जो पद यात्रा के भीड़ में और मोमबत्ती जैसे शोभा यात्रा में बढ़ चढ़ कर हिस्सा
लेते हैं और नारे बाज़ी करते है लेकिन वोट के समय घर से नहीं निकलते हैं | हारने के बाद दुसरे समुदाय के वोट को नकारते
हैं, लेकिन अपनी गलती को
सुधारने का नाम नहीं लेते | दुसरे को कोश के
नहीं, हमें अपनी ज़िम्मेदारी
पूरी करनी चाहिए | इसलिए घर से
निकलिए और सही उम्मीदबार को वोट कीजिये |
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