मैं कुछदिन बाहर
थी, इसलिए फ़ेसबूक मैसेजेज (Messages)
का जवाब नहीं दे पा रही थी | इसी दौरान एक 24 साल के लड़के ने कई बार मुझे मैसेज किये | कल जब मैंने उससे मेसेज में बात की तो पता चला
उसे एड्स (AIDS) है | उस लड़के ने बस फेसबूक पर मैसेज बस इसलिए किया
था मुझे क्योंकि वो मानसिक तनाव में है | एड्स होने के कारण उसे हर कोई गलत समझ रहा है , उसके सगे-सम्बन्धी सभी , यहाँ तक कि उसके माता-पिता भी | मैं बस इतना कहना चाहती हूँ कि एड्स होने से ही कोई चरित्र
का खराब नहीं हो जाता , यह महज़ एक बीमारी
है किसी को भी हो सकता है | अब तो टीवी (TV)
पर भी विज्ञापन के रूप में भी दिखाते है |
जब कोई बीमार पड़ता है उसे सबसे ज़्यादा ज़रूरत
अपनों की होती है | हो सके तो जो
बीमार है उसे अपनापन दीजिये , उसे अपनों की
प्यार की ज़रूरत हैं न कि किसी के ताने की | अपनी सोच को बदल कर देखिये , अच्छा लगेगा | जहाँ हमारी सोच गलत हों , वहाँ हमें उस गलत
सोच को जरूर सुधारना चाहिए |
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