नयी सोच
Friday 31 August 2012
किसी को गलत ठहरना बहुत आसान है
इस दुनिया की तो अब येही रीत है .......
पर उस दिल का किया कसूर ....?
जो हर रिश्ते में ,
जीना तो चाहा पर , कोई जीने न दिया .........। - लिलि कर्मकार .
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment