नयी सोच
Saturday 21 December 2013
अभिमानी अनुभूति
आधी रात में जब कभी भी
मेरी अभिमानी अनुभूति
,
दुख की छाए में सुख की तलाश करती है
तुम इतना समझ लेना
,
मैं आज भी अकेली तुम्हारी यादों में निःसंग हूँ
| -
लिली कर्मकार
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